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भारत का नामकरण किस प्रकार हुआ ?
अगर आप लोग भारत देश में रहते हैं तो आपके मन में जरूर यह प्रश्न उठा होगा कि हमारे देश का नामकरण कैसे हुआ यानी कि हमारे देश का भारत नाम कैसे पड़ा तो आज मैं आपको बताऊंगा पूरी जानकारी यह जानकारी जानने के लिए आपको हमारे पौराणिक कथाओं में जाना पड़ेगा बहुत हजार साल पीछे तो चलिए मैं आपको ले चलता हूं और बताता हूं !
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भारत का नामकरण किस प्रकार हुआ |
अगर आप लोग महाभारत का आदिपर्व पढ़ेंगे तो उसमें आप लोगों को सारी जानकारियां मिल जाएंगे जब मेनका शकुंतला लेकर महल से गायब हुई थी तब वह सीधे ऋषि मारिज के कुटिया पर आई थे और शंकुतला को वही छोड़ कर वह वापस चली गई थी जब शकुंतला कुटी में आई थी तब वह गर्भवती थी और कुछ ही महीनों बाद उन्होंने एक बालक को जन्म दिया ऋषि मारीज के देखरेख में ऋषि मारी जी ने उस लड़के का जाति धर्म आदि संस्कार बिल्कुल अच्छे से किए
भारत का नाम कैसे पड़ा
लड़का देखने में बहुत ज्यादा सुंदर और तेजस्वी था जब वह लड़का सिर्फ 6 साल का था तब वह जंगल में रहने वाले सभी हिंसक जानवर जैसे हाथी शेर भालू और भी बड़े-बड़े जानवरों को पकड़कर अपनी बाहों में जकड़ लेता था और उनसे बातें करता था कभी-कभी तो वह हाथी के पीठ पर बैठ जाता था और पूरा जंगल घूमता था
उस बालक की ऐसी बीटता देखते हुए जो हिंसक जानवर को भी दमन कर देता है इसीलिए उसका नाम सर्वदमन रखा गया
एक दिन वह जंगल में बैठकर शेर के बच्चे का दांत गिर रहा था तभी वहां पर इंद्र के दूत ने राजा दुष्यंत को उसी जंगल में छोड़ कर चले गए जब राजा दुष्यंत मार्ग खोज रहे थे तब उन्हें इस बालक पर दृष्टि पड़ी और हीरो ने देखा कि बालक शेर के मुंह का दांत गिन रहा है तब इन्होंने उसके पास जाकर बोला कि तुम शेर के बच्चे को छोड़ दो और मैं तुम्हारे साथ खेलूंगा
तब उस लड़के ने उस शेर के बच्चों को छोड़ दिया लेकिन अचानक उस लड़के के बाह में एक माला बंधी हुई थी गिर गई तब राजा दुष्यंत की उसमें नजर पड़ी और उन्होंने सोचा चलो इस वाले को उठा कर इस बच्चे के वहां पर बांध देते हैं तभी वहां पर दो औरते आती है और जैसे ही राजा दुष्यंत बाला को उठाते हैं तब उन औरतों ने बोला यह आपने क्या कर दिया ऋषि मारीज ने यह माला आपने शक्तियों से इस लड़के के बाह पर बांधा था ताकि कोई भी जानवर इसे क्षति न पहुंचा सकें अगर इस लड़की के माता-पिता के अलावा कोई भी से छुए गा तो यह माला सर्प बनकर उसे डस लेगा लेकिन दुष्यंत राजा के साथ ऐसा नहीं हुआ इसीलिए वह समझ गए कि यह मेरा ही बालक है तब उन्होंने उस बालक से बोला क्या तुम मुझे अपनी मां को दिखा सकते हो तो वह बालक उनको अपनी मां के पास ले गया और राजा दुष्यंत ने शकुंतला से माफी मांगा और महाल चलने का आग्रह किया
इस पर शकुंतला ने बोला कि जब मेरी मां ने मुझे यहां छोड़ा था ऋषि मारीज ने मेरा देखरेख किया और मैं बिना उनकी आज्ञा से आपके साथ कैसे आ सकती हूं तब उन्होंने और उनकी पत्नी और उनके बच्चे ऋषि मारीज के पास गए और उनसे महल जाने का आग्रह किया तब उन्होंने कहा कि तुम आवश्य जाओ अपने महल और अपने बेटे के साथ अच्छा जीवन व्यतीत करो
बाद में इस लड़के का नाम भरत रखा गया और इसी के नाम पर पूरे देश का नाम भारत रखा गया
जो भी मैंने इसमें आप लोगों को जानकारी दिया है वह सब इंटरनेट के माध्यम से खोजा गया है अब यह सही है या फिर गलत इसका निश्चय में नहीं कर सकता