जगन्नाथ पुरी की कहानी और रथ यात्रा 2023 | Jagannath Puri Story and Rath Yatra in Hindi

नमस्कार दोस्तों भारत में बहुत सारे मंदिर हैं और बहुत सारी मान्यताएं हैं भारत में अलग अलग प्रकार के धर्म के लोग भी रहते हैं आज हम लोग बात करने वाले हैं उड़ीसा के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के बारे में यहां पर हर साल लाखों लोग दूर देश से और भारत से जाते हैं इसकी रथ यात्रा देखने के लिए आज हम लोग बात करने वाले हैं कि आखिर क्यों जगन्नाथ जी का मंदिर इतना प्रसिद्ध है

हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि मरने से पहले चार धाम की यात्रा करनी चाहिए जिसमें सिर्फ जगन्नाथ जी का मंदिर भी आता है आज मैं आप लोगों को इस मंदिर की पूरी कहानी बताऊंगा और यह भी बताऊंगा कि यह मंदिर कितना बड़ा और कितना विशाल है जिसमें लाखों भक्त हर साल आते हैं यहां पर भगवान विष्णु जी का अवतार माना जाता है जिसकी कहानी हम आपको आगे बताने वाले हैं  

जगन्नाथ मंदिर क्या है और क्यों प्रसिद्ध है | Jagannath Mandir Real Story in Hindi

जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म की सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है अगर आप हिंदू धर्म के लोग हैं तो आप लोगों के परिवार में जो बुजुर्ग वृद्ध होते हैं वह लोग कहते हैं कि मरने से पहले सबको चार धाम यात्रा करनी चाहिए और उसी चार धाम यात्रा में श्री जगन्नाथ भगवान की भी मंदिर आती है ऐसा माना जाता है इसका दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है 

श्री जगन्नाथ जी का मंदिर उड़ीसा राज्य के पुरी में स्थित है यह हिंदुओं का मंदिर है और इसमें लकड़ी की मूर्ति है और ऐसा माना जाता है और पुराणों में भी कहा जाता है कि जब भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु हुई थी तो उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था लेकिन उनका दिल तभी भी धड़क रहा था इसीलिए उसे इस जगह पर लाया गया और श्री जगन्नाथ जी का मंदिर का निर्माण हुआ जिसमें आज भी उनका दिल है और आज भी धड़कता है 

जगन्नाथ पुरी मंदिर की मूर्तियां | Jagannath Puri History in Hindi

जगन्नाथ पुरी का रहस्य के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां पर हर 12 साल बाद इस मंदिर में रखी तीन मूर्तियों को बदला जाता है जब इस मूर्तियों का बदलने का काम किया जा रहा होता है तब पूरे शहर में लॉकडाउन लगा दिया जाता है और इसकी सुरक्षा के लिए हजारों पुलिसकर्मी और आर्मी वालों को खड़ा कर दिया जाता है ताकि कोई देख ना सके और इसके पश्चात जो पुजारी यह काम करता है उसके आंखों पर काली पट्टी लगा दी जाती है 

जगन्नाथ पुरी की कहानी और रथ यात्रा 2023 | Jagannath Puri Story and Rath Yatra in Hindi

मान्यता के अनुसार अगर कोई इस चीज को करते हुए देख लेगा तो उसकी तुरंत मृत्यु हो जाएगी ऐसा पुजारियों का कहना है जब पुजारी की आंखों पर पट्टी बांधी जाती है तब वह उस पुरानी मूर्ति में से भगवान श्री कृष्ण का दिल निकाल कर नई मूर्ति में लगाते हैं यही परंपरा सदियों से चली हुई आ रही है और इसको आज तक किसी ने नहीं देखा है 

जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2023 | Jagannath Puri Rath Yatra Story ine Hindi

जगन्नाथ पुरी मंदिर का रथ यात्रा पूरी दुनिया में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है और इसे देखने के लिए सिर्फ भारत के ही लोग नहीं बल्कि दूसरे देश से भी लोग भारत आते हैं चलिए मैं आपको बताता हूं कि जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का कहानी क्या है और इसका इतिहास क्या है क्यों यह रथ यात्रा निकाला जाता है इसके पीछे की पूरी कहानी 

रथ यात्रा से जुड़ी एक बहुत ही प्रसिद्ध कहानियां है ऐसा कहा जाता है जब श्री कृष्ण भगवान की मृत्यु हो गई और उनके शरीर को द्वारिका लाया गया उस समय श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम बहुत ज्यादा क्रोधित हुए और उन्हें अपने भाई की मृत्यु पर बहुत ज्यादा दुख हो रहा था इसीलिए वह उनके शरीर को लेकर समुंद्र में कूद गए और उनके पीछे सुभद्रा भी कूद गए और यह सपना एक राजा के मन में आया जब वह सो रहे थे

इसके बाद उन्होंने समुद्र के ही पास भगवान श्री कृष्ण की भव्य मूर्ति का निर्माण करना चाहा लेकिन सपने में एक भगवान आए और उन्होंने कहा कि भव्य मूर्ति की जगह तुम सुभद्रा श्री कृष्ण और बलराम का एक लकड़ी की मूर्ति बनवाई तब राजा ने ऐसा ही किया और उनकी प्रतिमा में छेद करके भगवान श्री कृष्ण की अस्थियों को रख दिया गया

राजा के मन में यह सवाल आ रहा था कि लकड़ी की मूर्ति कौन बनाएगा और उस समय भगवान विश्वकर्मा बढ़ई के रूप में प्रकट हुए और उन्होंने लकड़ी की मूर्ति का निर्माण चालू कर दिया उन्होंने कहा अगर बीच में मुझे कोई रोक टोक करेगा तो मैं चला जाऊंगा लेकिन कुछ महीने बाद भी यह मूर्ति नहीं बनी तो राजा ने बढ़ाई पर अपना गुस्सा दिखा दिया और तब विश्वकर्मा भगवान गायब हो गए और वह मूर्ति पूरी नहीं बनी लेकिन राजा ने उसी मूर्ति को उसी तरह मंदिर में स्थापित करवाया और भगवान श्री कृष्ण की अस्थियों को मूर्ति के पीछे एक छेद में रख दिया 

जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा क्यों निकाला जाता है | Jagannath Puri Rath Yatra Kahani

जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा से जुड़ी ऐसी बहुत सारी कहानी है जो पुराणों में बताई गई है पहली कहानी यह है कि जब श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा अपने मां की आती है तब वह अपने बड़े भाई और छोटे भाई से बोलती है कि मुझे अपने नगर को घूमना है तब भगवान श्री कृष्ण और भगवान बलराम अपनी बहन सुभद्रा को लेकर रथ से पूरा नगर घूमते हैं और इसी वजह से रथयात्रा का पर्व मनाया जाने लगा

भगवान जगन्नाथ मूर्ति से जुड़े कुछ रहस्य | Shri Jagannath Ji ka Rahasya

इस मंदिर में कदम रखने पर समुद्र की आवाज आपको सुनाई नहीं पड़ती है

जगन्नाथ पुरी मंदिर के गुंबद पर कोई भी पक्षी आज तक नहीं बैठा है

इस मंदिर की गुंबद की परछाई कभी भी धरती पर नहीं पड़ती है चाहे धूप रहे या किसी भी दिशा में सूर्य की रोशनी आए जबकि यह गुंबद बहुत बड़ा है 

इस मंदिर के ऊपर सुदर्शन चक्र बना हुआ है उसे अगर आप जिस दिशा से देखेंगे वह चक्र पूरा दिखाई पड़ता है यह भी बहुत बड़ा रहस्य है

यहां पर भारत का सबसे बड़ा रसोईघर भी मौजूद है जहां पर 300 से ज्यादा लोग काम करते हैं और एक साथ लाखों लोगों के लिए प्रसाद बनाया जाता है

FAQ

जगरनाथ पुरी का रहस्य ?

इसका पूरा रहस्य मैंने आपको ऊपर बता दिया है

जगन्नाथ पुरी कब जाना चाहिए ?

जगन्नाथपुरी अक्टूबर से फरवरी के बीच के महीने में जा सकते हैं

जगन्नाथ पुरी कैसे जाए ?

रेलगाड़ी से आप लोग जगन्नाथपुरी आराम से जा सकते हैं अगर कहीं दूर रहते हैं तो फ्लाइट से भी आ सकते हैं

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आप लोगों ने क्या सीखा

दोस्तों आज के इस article में मैंने आप लोगों को बताया है कि “Jagannath Puri Story and Rath Yatra in Hindi” अगर आप लोगों को जानकारी पसंद आया होगा तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर Share करिएगा

मेरा हमेशा से यही कोशिश रहता है कि आप लोगों के लिए रोजाना बढ़िया article लेकर आऊं जिसे पढ़ने के बाद आप लोगों को थोड़ा ज्ञान मिले अगर आप लोगों मुझसे बात करना चाहते हैं क्या कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करें या हमारे contact us को देखें

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